लहसुन में एलियम नामक एंटीबायोटिक होता है जो बहुत से रोगों के बचाव में लाभप्रद है। ये अपने आप में एक बेहतरीन औषधि है। कुछ लोग इसकी गंध के कारण इससे परहेज करते हैं, लेकिन वो लोग शायद ये नहीं जानते हैं कि लहसुन प्रकृति का एक अद्भुत उपहार है। लहसुन से होने वाले लाभ और इसके चिकित्सीय गुण सदियों पुराने हैं। शोध और अध्ययन बताते हैं कि आज से 5000 वर्ष पहले भी भारत में लहसुन का इस्तेमाल उपचार के लिए किया जाता था।
चलिए आज जानते हैं हम लहसुन के कुछ ऐसे ही सदियों पुराने नुस्खो के बारे में जिन्हें कम ही लोग जानते हैं..,..
-प्रतिदिन लहसुन की एक कली के सेवन से शरीर को विटामिन ए, बी और सी के साथ आयोडीन, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व एक साथ मिल जाते हैं।
- लहसुन में एंटी बैक्टिरियल तत्व पाए जाते हैं। इसीलिए पिंपल्स की समस्या हो तो इसका सेवन सेहत पर बेहतर असर दिखाता है। पिंपल पर लहसुन की स्लाइस लेकर हल्के से रब करने पर पिंपल बहुत जल्दी बैठ जाता है।
-लहसुन
की 5 कलियों को थोड़ा पानी डालकर पीस लें और इस पेस्ट में
10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह -शाम सेवन करें। इस उपाय को करने से
सफेद बाल काले हो जाएंगे।
- लहसुन का सेवन बच्चों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह मौसमी बीमारियों में तो फायदेमंद होता ही है। साथ ही पांच साल तक के बच्चों में होने वाले प्रॉयमरी कॉम्प्लेक्स में यह बहुत लाभदायक होता है।
- लहसुन का सेवन बच्चों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह मौसमी बीमारियों में तो फायदेमंद होता ही है। साथ ही पांच साल तक के बच्चों में होने वाले प्रॉयमरी कॉम्प्लेक्स में यह बहुत लाभदायक होता है।
- लहसुन के नियमित सेवन सेस्किन इंफेक्शन भी समाप्त हो जाते है जैसे
- रिंगवॉर्म या एथलीट फुट आदि।
- लहसुन दिल को ऑक्सीजन रेडीकल्स के प्रभाव से बचाता है ताकि हार्ट को कोई नुकसान न पहुंचे। इसके सल्फर युक्त यौगिक हमारी खून की वाहिकाओं को अवरूद्ध होने से बचाते हैं। जिसकी वजह से एथ्रेरोस्लेरोसिस की दिक्कत खत्म हो जाती है। लहसुन की एंटी - क्लॉटिंग प्रॉपर्टी, रक्त वाहिकाओं में खून के थक्के जमने
से रोकती है।
- लहसुन दिल को ऑक्सीजन रेडीकल्स के प्रभाव से बचाता है ताकि हार्ट को कोई नुकसान न पहुंचे। इसके सल्फर युक्त यौगिक हमारी खून की वाहिकाओं को अवरूद्ध होने से बचाते हैं। जिसकी वजह से एथ्रेरोस्लेरोसिस की दिक्कत खत्म हो जाती है। लहसुन की एंटी - क्लॉटिंग प्रॉपर्टी, रक्त वाहिकाओं में खून के थक्के जमने
से रोकती है।
-सरसों के तेल में लहसुन की कलियां उबाल लें। इस तेल को
कान में डालने से कान दर्द की समस्या खत्म हो जाती है।
- लहसुन में एंटी - इंफ्लैमेटरी प्रॉपर्टी होती हैं। जिनकी मदद से एलर्जी को दूर भगाया जा सकता है। लहसुन की एंटी - आर्थी टिक प्रॉपर्टी की सहायता से डायली सल्फाइड और थियासेरेमोनोने भी मेंटेन रहते है। इसमें एलर्जी से लड़ने वाले कई तत्व होते हैं। लहसुन के जूस से चकत्ते पड़ने की समस्या भी दूर हो जाती है।
- लहसुन में एंटी - इंफ्लैमेटरी प्रॉपर्टी होती हैं। जिनकी मदद से एलर्जी को दूर भगाया जा सकता है। लहसुन की एंटी - आर्थी टिक प्रॉपर्टी की सहायता से डायली सल्फाइड और थियासेरेमोनोने भी मेंटेन रहते है। इसमें एलर्जी से लड़ने वाले कई तत्व होते हैं। लहसुन के जूस से चकत्ते पड़ने की समस्या भी दूर हो जाती है।
- लहसुन का तेल हथेली व पैरों के तलवों पर लगाने से मच्छर पास नहीं आते व स्किन सॉफ्ट हो जाती है।
लहसुन को दूध में उबालकर पिलाने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक
क्षमता बढ़ती है। लहसुन की कलियों को आग में
भून कर खिलाने से सांस चलने की तकलीफ पर काफी
काबू पाया जा सकता है। जिन बच्चों को सर्दी ज्यादा होती है उन्हें लहसुन की कली की माला बनाकर पहनाना चाहिए।
- लहसुन के सेवन से हमेशा कामोत्तेजना बनी रहती है, क्योंकि यह बॉडी में अच्छी तरह से परिसंचरण को बढ़ाता है।
- लहसुन एक नेचुरल पेस्टीसाइड का भी काम करता है। लहसुन, मिनरल ऑइल, पानी और लिक्विड साबुन को मिलाकर एक नेचुरल कीटनाशक बनाया जा सकता है।
- लहसुन के सेवन से हमेशा कामोत्तेजना बनी रहती है, क्योंकि यह बॉडी में अच्छी तरह से परिसंचरण को बढ़ाता है।
- लहसुन एक नेचुरल पेस्टीसाइड का भी काम करता है। लहसुन, मिनरल ऑइल, पानी और लिक्विड साबुन को मिलाकर एक नेचुरल कीटनाशक बनाया जा सकता है।
- नियमित लहसुन खाने से ब्लडप्रेशर नियमित रहता है। एसिडिटी और गैस्टिक ट्रबल में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता
है। दिल की बीमारियों के साथ यह तनाव को भी
नियंत्रित करता है।
- लहसुन गम का भी काम करता है। लहसुन को क्रश करके उसका रस यदि किसी ग्लास के हेयर लाइन क्रेक पर लगाया जाए तो क्रेक भर जाता है।
- लहसुन गम का भी काम करता है। लहसुन को क्रश करके उसका रस यदि किसी ग्लास के हेयर लाइन क्रेक पर लगाया जाए तो क्रेक भर जाता है।
- लहसुन में डायली - सल्फाइड होता है जो फेरोपोरटिन की मात्रा को
बढ़ा देता है और आयरन मेटाबोलिज्म में सुधार कर देता है।
- लहसुन में एंटी - कैंसर प्रॉपर्टी पाई जाती है। इसलिए
लहसुन का नियमित सेवन करने से कैंसर होने का खतरा बहुत कम रहता है।
- बैक्टीरियल तत्व, गले में होने वाले संक्रमण को भी दूर भगाता है। श्वास संबंधी कई समस्याएं जैसे - अस्थमा, सांस लेने में तकलीफ आदि में लहसुन रामबाण दवा है। इसके सेवन से कई गंभीर समस्याओं का समाधान भी हो जाता है।
- जिनके शरीर में रक्त की कमी है, उन्हें लहसुन
का सेवन अवश्य करना चाहिए, इसमें
पर्याप्त मात्रा में लौह तत्व होतेहैं। जो कि रक्त
निर्माण में सहायक होते हैं। लहसुन
में विटामिन सी होने से यह स्कर्वी रोग
से भी बचाता है।
- लहसुन के नियमित सेवन से सांस की समस्या में आराम मिलता है, इससे सर्दी - जुकाम में राहत मिलती है।
- यदि आप लहसुन का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो आप ऐसी छोटी-छोटी समस्याओं से बड़ी ही आसानी से निजात पा सकते हैं।
-लहसुन
के सेवन से वजन को घटाया जा सकता है, क्योंकि इसमें हमारे शरीर में बनने वाली वसा कोशिकाओं को विनियमित करने की क्षमता है,
जिससे
वजन आसानी से घट जाता है।
- अपने रोजाना के खाने में लहसुन शामिल कर लेने से इम्यून पॉवर बढ़ता है। अगर मौसमी सर्दी या खांसी हो जाए तो लहसुन की चाय बनाकर लेने से राहत मिलती है।
- अपने रोजाना के खाने में लहसुन शामिल कर लेने से इम्यून पॉवर बढ़ता है। अगर मौसमी सर्दी या खांसी हो जाए तो लहसुन की चाय बनाकर लेने से राहत मिलती है।
- गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिए। गर्भवती महिला को अगर उच्च रक्तचाप की शिकायत हो
तो, उसे पूरी गर्भावस्था
के दौरान किसी न किसी रूप में लहसुन का सेवन करना चाहिए।
- कोलेस्ट्रॉल पेशेन्ट्स के लिए लहसुन फायदेमंद होता है। यह खून को पतला करने में सहायक होता है और शरीर में खून के थक्के बनने से रोकता है। इससे चोट लगने के बाद, खून बहने का डर भी नहीं रहता है।
- कोलेस्ट्रॉल पेशेन्ट्स के लिए लहसुन फायदेमंद होता है। यह खून को पतला करने में सहायक होता है और शरीर में खून के थक्के बनने से रोकता है। इससे चोट लगने के बाद, खून बहने का डर भी नहीं रहता है।
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