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Friday 4 April 2014

फेसबुक को टक्कर देगी वर्ल्डफ्लोट, देख सकेंगे ऑनलाइन फिल्में

स्वदेशी नेटवर्किंग साइट वर्ल्डफ्लोट के उपयोगकर्ताओं की संख्या में पिछले कुछ महीनों में तेजी से हुई वृद्धि की वजह से इसे फेसबुक के लिए चुनौती के रूप में देखा जाने लगा है। स्थापना के दो वर्ष से भी कम समय में वर्ल्डफ्लोट के उपयोगकर्ताओं की संख्या पांच करोड़ पहुंच चुकी है, जबकि फेसबुक के भारत में उपयोगकर्ताओं की संख्या इसका दोगुना 10 करोड़ के करीब है।

वर्ल्डफ्लोट के संस्थापक पुष्कर माहटा ने बताया कि ऑनलाइन फिल्में देखने की सुविधा, सर्ज इंजन की सुविधा एवं हर तरह के समाचार देख पाने की अनूठी सुविधा शुरू किए जाने के कारण पिछले कुछ महीनों में वर्ल्डफ्लोट के उपयोगकर्ताओं की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि हालांकि वर्ल्डफ्लोट के उपयोगकर्ता पूरी दुनिया में हैं, लेकिन अधिकांश उपयोगकर्ता भारत में ही हैं।

वर्ल्डफ्लोट की स्थापना छह जून 2012 को हुई और महज दो वर्ष में इसके यूजर्स की संख्या पांच करोड़ पहुंच चुकी है, जबकि फेसबुक को 10 करोड़ उपयोगकर्ताओं तक अपनी पहुंच बनाने में 10 वर्ष लग गए।

माहटा का दावा है कि वर्ल्डफ्लोट पर उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि की यह दर फेसबुक से कहीं तेज है, और इसी गति से यदि इसके यूजर्स की संख्या में इजाफा होता रहा तो बहुत जल्द यह फेसबुक सहित विश्व की कई अग्रणी सोशल नेटवर्किंग साइटों को भी पीछे छोड़ देगा।

वर्ल्डफ्लोट की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के कारण इसकी मार्केट वैल्यू में भी तेजी से इजाफा हुआ है। माहटा ने बताया, ‘‘एक वर्ष पहले जब हम अपनी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट वर्ल्डफ्लोट की 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे थे, तब इसकी कुल कीमत 1800 करोड़ रुपये थी। तब हम वेबसाइट की प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने के लिए इसकी हिस्सेदारी बेचना चाहते थे, लेकिन हमने बाद में यह निर्णय वापस ले लिया।’’

उन्होंने आगे बताया, ‘‘इसके बाद अगले छह महीनों में हमने वर्ल्डफ्लोट में 30 नई प्रौद्योगिकियों एवं सुविधाओं का समावेश किया। अब हमें इसकी कीमत 3,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने की उम्मीद है।’’

वर्ल्डफ्लोट में और भी सुविधाओं का समावेश करने एवं इसकी प्रौद्योगिकी को और भी उन्नत बनाने के लिए माहटा पुन: इसकी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहे हैं।

इसके बाद इस पूरी तरह स्वदेशी सोशल नेटवर्किंग साइट के उपयोगकर्ताओं की संख्या में और भी तेजी से बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जो निश्चित तौर पर फेसबुक सहित अन्य प्रचलित सोशल नेटवर्किंग साइटों के सामने बड़ी चुनौती खड़ा कर सकती है।

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