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Friday 4 April 2014

इंटरनेट का गूगल नहीं है अकेला खोजी, जानिए कौन से हैं बेहतरीन सर्च इंजन


इंटरनेट की दुनिया में यह कहना गलत है कि सर्च इंजन गूगल ही है। ऐसे 313 सर्च इंजन हैं। हालांकि बहुत से ऐसे हैं, जिनका उपयोग कम ही होता है। यूजर्स भी उनका उपयोग करना नहीं चाहते। ज्यादातर यूजर्स एक ही सर्च इंजन चाहते हैं। यूजर्स के लिए 10 ऐसे सर्च इंजन इंटरनेट पर पसंदीदा हैं, जो हेल्पफुल भी हैं। ये ऐसे सर्च इंजन हैं जो यूजर्स की जरूरत के अनुसार 99 फीसदी सटीक रिजल्ट्स देते हैं। यहां ऐसे सर्च इंजिन्स के बारे में बताया जा रहा है, जो जरूरत के अनुसार बहुत ही उपयोगी और बेहतर हैं।

गूगल

ऐसा सर्च इंजन जिसके रिजल्ट्स को लेकर कोई विवाद नहीं रहा। 16 साल पहले यह सामने आया और उसके बाद से आज तक सर्च मार्केट में इसी का दबदबा है। कई फीचर्स के साथ यह यूजर्स का पसंदीदा है। गूगल की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि पिछले कुछ सालों से लगातार 65 फीसदी से ज्यादा सर्च मार्केट पर उसका कब्जा बरकरार है। गूगल के यूजर्स उसे इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि वह सर्च इंजन को हमेशा अपडेट करती है और उसे यूजर फ्रैंडली बनाने के लिए नए प्रयोग भी करती रहती है। गूगल का डूडल फीचर भी एक कारण है, जिससे यूजर्स उसे पसंद करते हैं।
बिंग

माइक्रोसॉफ्ट गूगल को ऑउट करने के लिए 2001 में बिंग लाई। पहले एमएसएन पर इसका उपयोग होता था। साइट के टॉप पर सर्च के कई ऑप्शन्स हैं। सेवाएं सुधारने के लिए बिंग ने यूजर्स के सुझाव भी मांगे। विकीपीडिया की तरह विजुअल और रिलेटेड सर्च में यह उपयोगी है।
आस्क

सबसे पुराने सर्च इंजन के तौर पर आस्क जीव्स का ही नाम है। 1996 में इसकी शुरुआत हुई थी। सटीक रिजल्ट्स एवं अच्छे सर्च ऑपशन्स के कारण गूगल और बिंग इसके कम्पीटिटर हैं। इमेजेस, न्यूज, वीडियो, शॉपिंग के अलावा इसके फीचर्स में गेम्स भी हैं। 
डकडक गो

पेंसिल्वेनिया की इस कंपनी ने सितंबर 2008 में कदम रखा। जीरो क्लिक इंफर्मेशन इसका विशेष फीचर है, यानी आप जो रिजल्ट्स चाहते हैं, वह एक ही पेज पर मिल जाते हैं। इसमें एड काफी कम हैं। क्लीन और सिंपल पसंद करने वाले यूजर्स इसे प्राथमिकता देते हैं।
यिप्पी

कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने पहले क्लस्टी की शुरुआत की थी। उसके बाद यिप्पी सर्च इंजन 2010 में शुरू हुआ। इसमें आपको किस सोर्स के साथ सर्च करना है, उसके ऑप्शन उपलब्ध हैं। यही इसकी सबसे बड़ी और अच्छी खासियत है। इसके फ्री सर्च टूलबार इंटरनेट एक्सप्लोरर और फायर फॉक्स के लिए भी उपलब्ध हैं।
वेबोपीडिया

वेबोपीडिया के फीचर्स अद्भुत हैं। स्क्रीन पर इतने ऑप्शन हैं कि सर्च के लिए नए विचार बन सकते हैं। कम्प्यूटर डेफिनेशन जानना हो या फिर डोमेन नेम या डीडीरेम। उन्हें आसानी से समझ सकते हैं। नॉन टेक्निकल यूजर्स कम्प्यूटर की भाषा और उसके बारे में आसानी से समझने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
डॉगपाइल

कुछ साल पहले यह सर्च इंजन गूगल से ज्यादा पसंद किया जाता था। 1996 में शुरुआत के बाद कंपनी को कई अवॉर्ड मिले। बाद में गूगल आगे निकल गई। आज फिर यह सर्च इंजन क्लीन और क्विक रिजल्ट्स के सहारे गूगल को पीछे छोड़ने में जुटा है। 
दि इंटरनेट आर्काइव

1996 से सक्रिय इस सर्च साइट पर मौजूद बहुत सी जानकारियां, फीचर्स और टूल्स इसे बेहतर साबित करते हैं। वेबलवर्स का यह फेवरेट है। इंटरनेट से संबंधित सालों पहले की सामग्री यहां मिल सकती है। 

महालो

इसे इंटरनेट की डायरेक्टरी कहें या ह्यूमन सर्च इंजन। नॉलेज एक्सचेंज के तौर पर कई जानकारियां इसके होमपेज पर ही रहती हैं। इसके रिजल्ट्स हाई क्वालिटी कहे जाते हैं, क्योंकि एडिटर्स की एक कमेटी मैन्युअली उन्हें स्ट्रांग बनाती है। 


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